हास्य कवि सुरेन्द्र ठाकुर अज्ञानी जी
Wednesday, May 31, 2017
तेरी आँखों की गहराईयों में खो गया हूँ,
तेरी जुल्फों के घनेरी बादियों में सो गया हूँ,
अब डर नही जमाना क्या कहे मुझको,
तेरी कातिल अदाओं में बावरा हो गया हूँ ।।
हास्य कवि सुरेन्द्र ठाकुर अज्ञानी जी
सूरत 9727740048
1 comment:
कवि सुरेन्द्र "भोला"
May 31, 2017 at 2:06 AM
अहमदाबाद की यादें
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अहमदाबाद की यादें
ReplyDelete